Business Updates: ऑनलाइन शॉपिंग में ठगी करने वालों को भारत से जाना होगा; सरकार ने कंपनियों को चेताया

उपभोक्ता विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कंपनियों को प्लेटफाॅर्म के इंटरफेस में किसी ऐसे डिजाइन या पैटर्न को शामिल करने में एहतियात बरतना चाहिए, जो उपभोक्ता की पसंद को प्रभावित कर फर्जीवाड़ा कर सकता है।  

केंद्र ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वाली गूगल, फेसबुक, अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्विगी, जोमैटो, ओला और उबर जैसी कंपनियों को चिट्ठी लिखकर ऑनलाइन खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं को डॉर्क पैटर्न की मदद से ठगने से बचने को कहा है। कंपनियों को डॉर्क पैटर्न को लेकर एहतियात बरतने की चेतावनी दी गई है।

इस बारे में शुक्रवार से ही उपभोक्ताओं के लिए 1915 हेल्पलाइन और 88000001915 नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत करने का मंच प्रदान किया गया। ऐसा करने वाली कंपनियों पर जुर्माना नहीं, कारावास का प्रावधान होगा और उन्हें भारत से बोरिया-बिस्तर समेटना होगा। उपभोक्ता विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कंपनियों को प्लेटफाॅर्म के इंटरफेस में किसी ऐसे डिजाइन या पैटर्न को शामिल करने में एहतियात बरतना चाहिए, जो उपभोक्ता की पसंद को प्रभावित कर फर्जीवाड़ा कर सकता है।  

क्या है डॉर्क पैटर्न 
डॉर्क पैटर्न को आसान भाषा में कहें तो जैसे अभी देखने में आता है, टीवी और सोशल मीडिया पर अक्सर जोड़-तोड़ करके वस्तु लेने के लिए प्रेरित करना, झूठी तात्कालिकता पैदा कर (बस कुछ ही घंटे और केवल इतने ही पीस बचे हैं) और दबाव वाले विज्ञापनों की मदद से ऑनलाइन खरीदारी के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है।

वेदांता पर 30 लाख रुपये का जुर्माना
सेबी ने खुलासे से संबंधित बाजार नियमों के उल्लंघन के मामले में वेदांता पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा कि वेदांता ने सेमीकंडक्टर निर्माण से संबंधित फॉक्सकॉन के साथ भागीदारी की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाली थी। लेकिन, वेदांता ने इस मामले में मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया।  

आरआईएल की कंपनी पर 7 लाख जुर्माना
सेबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) की कंपनी रिलायंस स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट पर शेयरों के हेराफेरी के मामले में 7 लाख का जुर्माना लगाया है। सेबी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, इस रकम का 45 दिनों के अंदर भुगतान करना होगा। सेबी ने कंपनी की जांच अगस्त, 2017 में की थी। इसमें कई गड़बड़ियां पाई गईं थीं। 

आकाश में हिस्सा बेच सकती है बायजू
आर्थिक संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू आईपीओ के जरिये आकाश एजुकेशन में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। आकाश में बायजू की कंपनी थिंक एंड लर्न की कुल 70 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें से 20 फीसदी हिस्सा बेच सकती है। बायजू ने आकाश को 2021 में 95 करोड़ डॉलर में खरीदा था।  

Source : https://www.amarujala.com/business/business-diary/government-warns-companies-cheating-in-online-shopping-business-updates-news-in-hindi-2023-07-01

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