Akshaya Tritiya 2025: इस पर अक्षय तृतीया से एक दिन पहले सोने में गिरावट देखी गई और यह गिरकर 96011 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. हर बार अक्षय तृतीया पर सोने में तेजी के उलट इसके दाम में इस बार गिरावट क्यों देखी जा रही है?
Gold Price on Akshaya Tritiya 2025: पिछले कुछ दिन सुबह को सोने का रेट कुछ और शाम को कुछ और… कहने का मतलब है पीली धातु के दाम तेजी से चढ़कर एक लाख रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. लेकिन पिछले दिनों सोने में गिरावट देखी गई और अब तेजी का सिलसिला भी नहीं देखा जा रहा. इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार मंगलवार शाम को कीमत गिरकर 96011 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई. ग्लोबल मार्केट में भी सोने की कीमत में करीब 1% की गिरावट आई है. स्पॉट गोल्ड 0.8% गिरकर 3,314.99 डॉलर प्रति औंस और यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.7% गिरकर 3,325.10 डॉलर प्रति औंस पर आ गया.
कीमत में तेजी से कम हो सकती है खरीदारी
जानकारों का कहना है कि दुनियाभर में व्यापार तनाव कम होने और बाजार की स्थिति बेहतर होने का असर सोने पर देखा जा रहा है. आज अक्षय तृतीया का त्योहार है, इस मौके पर सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता है. हर बार अक्षय तृतीया के करीब आने पर सोने की कीमत में इजाफा देखने को मिलता था. लेकिन कल मंगलवार को कीमत में गिरावट देखी गई. दुकानदारों का कहना है कि कीमत एक लाख रुपये के करीब पहुंचने से खरीदारी में गिरावट देखने को मिल सकती है. लेकिन दूसरी तरफ जानकारों का यह भी कहना है कि सोने के दाम में और इजाफा नहीं देखा जाएगा और यह अब नीचे आ सकता है. जानिए क्यों?
सोने की कीमत में गिरावट क्यों?
सोने की कीमत में गिरावट का मुख्य कारण ग्लोबल ट्रेड की स्थिति में सुधार है. अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में कहा कि भारत समेत कई बड़े ट्रेडिंग पार्टनर ने अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए मजबूत प्रस्ताव दिए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के साथ जल्द ही ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है. इसके अलावा चीन ने भी कुछ अमेरिकी सामान पर टैरिफ हटाने का फैसला किया है, यह भी तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम है. अमेरिका की तरफ से भी ऑटो टैरिफ का असर कम करने का संकेत दिया गया है.
रूस-यूक्रेन समझौते की संभावना से सुधरेगा बाजार!
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने बताया, ‘अमेरिका कई देशों के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत कर रहा है. इसके अलावा चीन-अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट की उम्मीद बढ़ी है. रूस-यूक्रेन शांति समझौते की संभावना से भी सोने की मांग कम होने की उम्मीद है.’ बाजार का ट्रेंड है जब व्यापार तनाव कम होता है तो निवेशक सोने से पैसा हटाकर दूसरी संपत्तियों में लगाते हैं. इससे सोने की मांग कम होती है और कीमतें गिरती हैं. जानकार कहते हैं पहले ग्लोबल रिसेशन और अनिश्चितता के डर से सोने की कीमत 3,500.05 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थीं. लेकिन अब स्थिति में सुधार होने से निवेशक बेहतर रिटर्न के लिए दूसरे विकल्प चुन रहे हैं.
ग्लोबल और भारतीय बाजार पर असर
सोने की कीमत में गिरावट का असर भारत और ग्लोबल मार्केट दोनों पर पड़ा है. मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसीडेंट राहुल कालंत्री ने बताया कि चीन में कम मांग के कारण सोने की कीमतें गिरीं. लेकिन बाद में अमेरिकी डॉलर में कुछ मुनाफावसूली और रिस्क से बचने के कारण कीमतमें कुछ सुधार हुआ. उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव और ईरान पर हमलों ने ग्लोबल रिस्क को बढ़ाया था, जिससे सोने की कीमत अस्थायी रूप से बढ़ीं. लेकिन यह बढ़ोतरी स्थायी नहीं रही.
सोने और चांदी की कीमतों का भविष्य
कालंत्री के अनुसार सोने की कीमत के लिए सपोर्ट लेवल 3,310-3,288 डॉलर प्रति औंस और रेजिस्टेंस लेवल 3,360-3,378 डॉलर है. भारतीय रुपये में सपोर्ट लेवल 95,450-95,080 रुपये और रेजिस्टेंस लेवल 96,750-97,290 रुपये है. चांदी की कीमत पर भी दबाव है, जिसका सपोर्ट लेवल 95,680-94,850 रुपये और रेजिस्टेंस लेवल 97,150-97,950 रुपये है. जानकारों का कहना है कि यदि कोई नया कारण सामने फिर आया तो सोने की कीमत में फिर से उछाल आ सकता है.
निवेशक क्या करें?
सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव वर निवेशकों को नजर रखना जरूरी है. जब ग्लोबल लेवल पर रिस्क कम होता है तो सोने की मांग घटती है. लेकिन तनाव बढ़ने से सोने की कीमत में तेजी आती है. निवेशकों को कीमत के सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर नजर रखनी चाहिए. साथ ही ग्लोबल ट्रेड और जियो-पॉलिटिकल घटनाओं पर भी ध्यान देना जरूरी है.
12000 करोड़ रुपये के सोने की बिक्री की उम्मीद
अक्षय तृतीया के मौके पर देशभर में 12,000 करोड़ रुपए के सोने की बिक्री हो सकती है. यह बयान इंडस्ट्री बॉडी की तरफ से मंगलवार को जारी किया गया. ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के प्रेसिडेंट पंकज अरोड़ा ने कहा कि अक्षय तृतीया के मौके पर 12,000 करोड़ रुपए की वैल्यू के 12 टन सोने की बिक्री हो सकती है. अरोड़ा ने कहा, ‘इस साल चांदी की बिक्री भी 400 टन या 4,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को छू सकती है. ऐसे में देश में अक्षय तृतीया के मौके पर 16,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.’
Source : https://zeenews.india.com/hindi/explainer/explained-why-are-gold-prices-not-rising-any-more/2736088