ट्रेडिशनल मार्केट में अच्छी नौकरी के लिए एजुकेशन जरूरी शर्त है और अच्छी नौकरी से लगातार बेहतर सैलरी मिलती है।
आज युवा (Millennials) अपनी करियर ग्रोथ और फ्रंट से नेतृत्व करने के लिए जाने जाते हैं। ये जोशीले, स्मार्ट, समर्पित, महत्वाकांक्षी और पूरी तरह से आजाद हैं। इसके अलावा ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता इस डू-ईट-योरसेल्फ (DIY) पीढ़ी को बगैर किसी डर के अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है। यही वजह है कि इन युवाओं का झुकाव उद्यमशीलता की तरफ है। यह उन्हें ऐसा करियर देता है, जिसमें वे अपनी शौक की बदौलत अच्छी कमाई कर सकते हैं। हम गुरांस मान का उदाहरण ले सकते हैं, जो 28 साल के एक सफल उद्यमी हैं। उन्होंने कुछ साल पहले फिटनेस और वेट लॉस की दो कम्युनिटी शुरू की थी। यह आज उन हजारों लोगों को प्रेरित करता है, जो अपना वजन घटाकर जिंदगी में स्वस्थ और फिट रहना चाहते हैं। हरियाणा के सुनील कुमार इसी तरह के एक और युवा हैं। उन्होंने स्पोर्ट्स और रेसलिंग के लिए अपने पैशन से उन लोगों के लिए कम्युनिटीज बनाई है, जो खुद को चुस्तदुरुस्त रखना चाहते हैं। उनकी कोशिश के चलते हेल्दी लिविंग कम्युनिटी बढ़ रही है। महिलाओं की मोटापे की समस्या दूर करना इसका फोकस है। गुरांस और सुनील एमवे की डायरेक्ट सेलर्स स्ट्रीम के ऐसे प्रेरणादायक युवा हैं, जो भारत में गिग वर्कफोर्स (अस्थायी काम) के प्रतीक बन गए हैं।
सोशल मीडिया का लगातार विस्तार हो रहा है। यह उन युवाओं के लिए सही मौका प्रदान कर रहा है, जो अपना फैनबेस (प्रशंसक) बनाकर अपना टैलेंट दिखाना चाहते हैं। यही वजह है कि जेनरेशन जेड पहले के मुकाबले काफी ज्यादा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है। यह इंफ्यूएनसर्स बनने की संभावनाओं का इस्तेमाल कर रहा है। गुरांस और सुनील कुमार ऐसे उदाहरण हैं, जिनके लिए सोशल मीडिया लॉन्चपैड साबित हुआ है।
एमवे की ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप रिपोर्ट 2020 के मुताबिक, 44 पर्सेंट भारतीय युवा अपना उद्यम शुरू करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि 86 फीसदी युवा पैसे के लिए सोशल मीडिया पर कंटेंट पोस्ट करना चाहते हैं। 54 पर्सेंट युवा मौका मिलने पर इंफ्लूएंसर को करियर के रूप में अपनाने के लिए तैयार हैं।
गोरांस और सुनील की तरह ऐसे कई युवा हैं, जो अपने पैशन को पूरा करने के लिए हर कोशिश करने को तैयार हैं। इंडिया की बड़ी गिग इकोनॉमी में इन सेल्फ-आंत्रप्रेन्योर्स की बड़ी हिस्सेदारी है। इस स्थिति की तस्दीक करने वाले कई आंकड़े आए हैं, जो हमें चौंकाते हैं। बीसीजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 57 पर्सेंट युवाओं की सोच गिग इकोनॉमी को लेकर पॉजिटिव है। वे सैलरीड इंप्लॉयीज के मुकाबले आजादी से काम करना पसंद करते हैं। इस सेक्टर की अभूतपूर्व ग्रोथ से यह पता चलता है कि युवा किस तरह नए मौकों और रास्तों का फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन, यहां ज्यादा अहम सवाल यह है:
युवा गिग इकोनॉमी में किस तरह की भूमिका निभा रहे हैं?
अपने उद्देश्य के प्रति प्रेरित युवा अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर हैं। वैल्यूज के लिए उनमें लगाव है। उनकी जिज्ञासा, टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी, एक साथ कई काम करने की क्षमता और नई चीजें जल्द सीखने की प्रवृत्ति इन्हें इन्हें बहुत अच्छा नेटवर्कर्स बनाती हैं, जो डायरेक्ट सेलिंग के लिए सही चॉइस है। यह उन्हें उद्यमशीलता के रास्ते पर चलने को प्रेरित करता है और तेजी से बढ़ती गिग इकोनॉमी में अहम भूमिका निभाता है।
लेकिन क्यों डायरेक्ट सेलिंग?
पैशनप्रेन्योर्स: युवा अपने शौक को पूरा कर व्यक्तिगत खुशी हासिल कर पूरी जिंदगी जीने के लिए खुद को समर्पित कर देते है। इनमें फिटनेस, हेल्थ, ब्यूटी, एडवेंचर, कुकिंग आदि शामिल हैं। डायरेक्ट सेलिंग जैसा अस्थायी काम (गिग वर्क) उन्हें खुद के लिए अच्छी अतिरिक्त इनकम कमाने का मौका देती है। पैशन इकोनॉमी ऐसे रास्ते के रूप में सामने आई है जो युवाओं को अपनी स्किल के इस्तेमाल से पैसा कमाने और सामाजिक दायरा बढ़ाने का मौका देती है। एमवे की डायरेक्ट सेलर गार्गी एक युवा हैं, जिन्होंने फैशन, फिटनेस, ट्रैवल और स्कूबा-डाइविंग के अपने पैशन को पूरा करने का फैसला किया। इंस्टाग्राम पर उनके 21,000 फॉलोअर्स दुबई, मलेशिया या अंडमान के बीचेज पर उनके व्यक्तिगत पलों के साझेदार रहे हैं।
अपनी जॉब में कितने अच्छे हैं। अगर किसी व्यक्ति के पास अच्छी जरूरी स्किल हैं तो वह दूसरों को प्रोडक्ट्स या सर्विसेज बेचकर अच्छी कमाई कर सकता है। अगर किसी के पास जरूरी स्किल नहीं है तो वह कुछ ही हफ्तों में इन्हें सीख सकता है।
किसी समय और कहीं से भी काम करने की फ्लेक्सिबिलिटी: डायरेक्ट सेलिंग 9 से 5 तक काम के घंटों तक सीमित नहीं है। इससे युवाओं को सामाजिक जिंदगी के लिए काफी आजादी और फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। अगर सेलर मोटिवेटेड है तो वह ओनरशिप के साथ कभी भी काम कर सकता है।
उद्यमशीलता के लिए युवाओं को प्रेरित करता है
अगर ऊपर बताई गई बातें आप अपने अंदर पाते हैं तो आपको डायरेक्ट सेलिंग में होना चाहिए। और कई दूसरे लोगों की तरह आप उद्यमशीलता की अपनी महत्वाकांक्षा पूरी कर सकते हैं। आपको सिर्फ यह करना होगा कि सही ब्रांड से शुरुआत करनी होगी, जो अपने क्षेत्र में अगुआ हो। ऐसा ब्रांड जिसकी इंडियन मार्केट में विरासत हो और जिसने लाखों को सशक्त बनाने में बड़ा रोल निभाया हो। यही वजह है कि कई युवाओं ने एमवे का रुख किया है।
कई तरह के विश्व-स्तरीय प्रोडक्ट्स के साथ एमवे ने अपने खास ग्राहकों के बीच बतौर ब्रांड मजबूत पहचान बनाई है। लेकिन, इससे ज्यादा प्रेरक यह है कि इसने बीते कई सालों में पैशन को अपॉर्चुनिटी में बदलने का शानदार मौका दिया है। वह चीज जो आज के युवाओं में दिखती है। इंडियन मार्केट में मजबूत विरासत और असाधारण पीपल-सेंट्रिक वैल्यूज के साथ यह बात कुछ ही कंपनियों में दिखती है। अपने प्लेटफॉर्म पर कई तरह के क्वालिटी प्रोडक्ट्स के साथ यह ब्रांड उद्यमशीलता वाली सोच के साथ लोगों को अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करता है। इसके चलते लोगों को न सिर्फ रेगुलर इनकम हो रही है बल्कि युवाओं को पहले से कहीं ज्यादा खुद को सशक्त बनाने का मौका मिल रहा है। यह इस बात का सबूत है कि 2020 की दूसरी तिमाही में नए रजिस्ट्रेशन में युवाओं की हिस्सेदारी करीब 64 पर्सेंट थी।
सेहत को लेकर जागरूक युवाओं को उद्यशीलता के लिए मिला रास्ता
पिछले दशक में युवाओं के बीच अपने हेल्थ और वेलनेस पर फोकस करने का ट्रेंड रहा है। नील्सन की एक स्टडी बताती है कि 44 पर्सेंट युवा फ्यूचर में ज्यादा मेडिकल एक्सपेंडिचर से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपना रहे हैं। हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ने से न्यूट्रिशन, वेलनेस, सेल्फ केयर प्रोडक्ट्स की डिमांड काफी बढ़ी है। कई लोग इसके लिए ज्यादा पैसे देने को भी तैयार हैं। नंब रिसर्च के डेटा से पता चलता है कि आज करीब 44.4 करोड़ भारतीय युवा हेल्थ और वेलनेस प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर हर महीना औसतन 4,000 रुपये खर्च कर रहे हैं।
आगे का रास्ता
उद्यमशीलता के लिए तीन जरूरी चीजों के साथ एमवे युवाओं के पैशन को पूरा करने में मददगार बनना चाहती है। इनमें गिग इकोनॉमी में बढ़ोतरी, उपभोक्ताओं के बीच स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता और ऑनलाइन कम्युनिटी का बढ़ता आकार शामिल हैं।
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देशों में शामिल है। इसके साथ ही युवा आंत्रप्रेन्योरियल ईकोसिस्टम के अभिन्न हिस्सा हैं।एमवे इंडिया के सीईओ अंशु बुद्धीराजा ने कहा कि एमवे ने प्रोड्क्ट ऑफर करने के मामले में खुद को रणनीतिक और मजबूत तरीके से पेश किया है। इसने युवाओं के उद्यमी बनने की चाहत को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाई है। इससे देश की इकोनॉमी में अहम बदलाव आया है।
(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल एमवे की तरफ से टाइम्स इंटनेट की स्पॉटलाइट टीम द्वारा तैयार किया गया है।)
Source : https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/youth-are-achieving-tremendous-success-in-direct-selling-industry-know-how/articleshow/86968846.cms