PM मोदी ने कहा कि आतंकवाद हर किसी के लिए अस्वीकार्य है और नागरिकों की मौत चाहे कहीं भी हो, निंदनीय है।
पश्चिम एशिया में व्याप्त असुरक्षा और अस्थिरता पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को जी20 नेताओं से कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि इजरायल-हमास युद्ध क्षेत्रीय संघर्ष का रूप न ले।
उन्होंने इजरायली बंधकों की रिहाई की घोषणा का स्वागत किया। जी20 नेताओं के डिजिटल शिखर सम्मेलन के अपने शुरुआती संबोधन में मोदी ने कहा कि आतंकवाद हर किसी के लिए अस्वीकार्य है और नागरिकों की मौत चाहे कहीं भी हो, निंदनीय है।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा जैसे नेताओं की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में नई चुनौतियां सामने आई हैं और पश्चिम एशिया में असुरक्षा एवं अस्थिरता की स्थिति चिंता का विषय है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा भी इस मौके पर मौजूद थीं।
मोदी ने कहा, ‘हमारा एक साथ आना दिखाता है कि हम सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं और उनके समाधान के लिए एक साथ खड़े हैं। हमारा मानना है कि आतंकवाद हमारे लिए अस्वीकार्य है। नागरिकों की मौत, चाहे वह कहीं भी हो, निंदनीय है। हम बंधकों की रिहाई की खबर का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सभी बंधकों को जल्द रिहा कर दिया जाएगा।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जरूरी है कि मानवीय सहायता समय पर और निरंतर तरीके से पहुंचे।
मोदी ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि इजरायल और हमास की लड़ाई किसी तरह का क्षेत्रीय रूप धारण न कर ले। मानवीय कल्याण के दृष्टिकोण से, हम आतंक और हिंसा के विरुद्ध, और मानवता के प्रति अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं। आज विश्व की, मानवता की इस अपेक्षा की पूर्ति के लिए भारत कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तत्पर है।’
उन्होंने जी20 नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘पिछले साल 16 नवंबर को जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मुझे औपचारिक तौर पर जी20 की अध्यक्षता सौंपी थी तब मैंने कहा था कि हम इस मंच को समावेशी, महत्त्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक बनाएंगे। एक साल में हमने एक साथ मिलकर यह हासिल किया है।’
उन्होंने कहा, ‘हम सभी मिलकर जी20 को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं।’ मोदी ने कहा कि अविश्वास और चुनौतियों से भरी इस दुनिया में, यह विश्वास ही है जो सभी को एक साथ बांधता है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हमने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ पर भरोसा जताया है और विवादों से दूर जाते हुए हमने एकता और सहयोग के साथ काम किया है।
मोदी ने कहा, ‘यह भारत के लिए गर्व की बात है कि उसकी अध्यक्षता में अफ्रीका को एक आवाज दी गई। जी20 में पिछले एक साल में ग्लोबल साउथ की आवाज भी सुनी गई है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के विश्व को आगे बढ़ते हुए ग्लोबल साउथ की चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी क्योंकि ग्लोबल साउथ के देश ऐसी अनेक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं जिनके लिए वे जिम्मेदार नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में समय की मांग है कि हम विकास के एजेंडे को अपना पूर्ण समर्थन दें और वैश्विक अर्थव्यवस्था और शासन तंत्र को बड़ा, बेहतर, प्रभावी बनाएं और भविष्य के मद्देनजर उनमें सुधार लाएं। उन्होंने कहा, ‘जरूरतमंद देशों को समय से और आसान दरों पर सहायता सुनिश्चित करें। 2030 के सतत विकास लक्ष्यों में तेजी लाने के लिए अपनायी गयी कार्य योजना को क्रियान्वित करें।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) समाज के लिए उपयोगी हो, इसके लिए भारत में अगले महीने वैश्विक एआई साझेदारी सम्मेलन आयोजित कर रहा है। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होनी है लेकिन सभी की निगाहें गाजा की स्थिति से संबंधित चर्चा पर टिकी हैं।
यह बैठक ऐसे दिन हो रही है जब इजरायल के मंत्रिमंडल ने हमास समूह के साथ एक अस्थायी संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी है, जिससे छह सप्ताह के युद्ध में पहली बार ठहराव आने की उम्मीद है। इस संघर्ष विराम से हमास द्वारा सात अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में किए गए हमले के दौरान बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों की रिहाई हो सकेगी।
SOURCE : https://hindi.business-standard.com/international/pm-modi-should-not-turn-israel-hamas-war-into-regional-conflict